इस रोग में मुंह से खून आता है एवं कुत्ते को बुखार आता है। यह रिकिटशिया नाम के शूक्ष्म जीवी से होता है जो कि न तो बैक्टीरिया होता है और न ही वायरस होता है।
यह सफेद कणिकाओं (WBC) को खा जाता है और यह खून को जमाने वाली प्लेटलेट्स का भी विनाश करता है। बुखार आना, भूख न लगना, जोडो में दर्द और मुंह में घाव हो जाना, खून का न जमना आदि इसके प्रमुख लक्षण है।
यदि इसमें पशु बच जाता है तो कुत्ते को एनिमिया (खून की कमी) हो जाता है जिससे कुत्ते का वजन कम हो जाता है और उसके घाव से खून निकलता रहता है।
खून की जांच कराने पर उसमें लिम्पफोसाइट की मात्रा कम हो जाती है और प्रोटीन एल्वोमिन कम हो जाता है। कभी-कभी इस रोग के साथ बबेसिया भी हो जाता है।
इस रोग को Doxycycline द्वारा उपचारित किया जाता है।