गाय भैंस का चारा कैसे उगाये

मक्का का चारा कैसे उगाये

यह काली मिटी या लाल मिट्टी में आसानी से उगया जा सकता है इसके लिए 1 हेक्टर जमीन में 30 किलो मक्का तथा 20 किलो लोबिया की आवश्कता होती है। इसमे एक लाईन मक्का की बोये ओर एक लाईन लोबिया की बोये। इसमें उवर्रात की मात्रा प्रति हेक्टर 35 किलो0 नाइट्रोजन तथा 40 किलो0 च्2व्5 बोने के समय डाले। तथा 35 किलो नाइट्रोजन भूट्टा आने पर डाले। इसकी लाईल से लाईन की दूरी में 20 से 30 सेटी मी0 रखनी चाहिए। यदि आप खाली मक्का बोरे है तो आप करीब 60 किलो मक्का एक हेक्टर के लिए काफी है।

मक्का की फसल चित्र 3.1

यदि आप पर सिचाई के साधन है तो मार्च में बोई जा सकती हे इसके बाद इसको जुलाई में वर्षा होने के बाद बोये तथा उतरी भारत तथा दक्षिण भारत में इसको अक्टूबर के बाद भी बोये सकते है यदि आप गोबर की खाद डाल रहे है तो प्रति एक्कड 10 टन गोबर की खाद्य डाले तथा इस खाद के साथ 25 किलो यूरिया बोते समय तथा 25 किलो यूरिया एक महीने बाद डाले।

यह फसल 60 से 70 दिन में कच्चे भूट्टे देती है तब इसे काट लेना चाहिए। एक्कड भूमि मे बरसात के मौसम में 160 से 200 कुन्तल चारा प्राप्त होता है । तथा मार्च की फसल में 120 से 100 कुन्तल चारा प्राप्त हो जाता है अर्थात दोनो फसलो में ;100़ 200 त्र300द्ध कुन्टल चारा छः महीने में प्राप्त हो सकता है।

बरसीम

यह तेजी से उगाने वाला पशुओ का चारा है यह 15 से 27 डिग्री से.टीग्रेट के बीच में आसानी से उगाया जा सकता है इसके बोते समय तापमान 25 से 27 डिग्री होना चाहिए। यह अक्टूबर में बोकर दिसम्बर जनवरी फरवरी में कटा जाता है जब तापमान 15 से 20 डिग्री होता है यह 500 से 700 मी.ली मीटर प्रतिवर्ष की वर्षा को सहन कर जा सकता है यह दोहम या भारी मिटटी में अच्छा होता है। इससे चारा दिसम्बर से मई तक उपलब्ध रहता है इसकी उपज 380 कुन्टल पर एकड होती है । एक एकड के 8 से 10 किलो बीज की आवश्यकता होती है इसको 22 किलो यूरिया या 185 किलो एसएसपी की जरूरत होती है। पहले हफते पर पहली सिचाई होती है फिर हर 10 दिन पर इसकी सिचाई होनी चाहिए।

                     

                                                     बरसीम के खेत                                                                चित्र 3.2 अ

यह पहली कटान 50 दिन में देता है जाडे में आप इसे हर महीने काट सकते है। इसमें खरपात नियन्त्रण के लिए फलोक्लोरेलीन 400 एम एल 200 ली पानी में एकड भूमि के लिए।

बरसीम की फसल चित्र 3.2 ब

नेपियर घास

नैपियर की फसल चित्र 3.3

यह 30 डिग्री के ऊपर के तापमान पर उगता है इसको 30 से 60 सेंटी0 मी0 वर्षा की आवश्यकता होती है। यह 30 से 32 डिग्री. से. तापक्रम के बीच बोया जाता है तथा इसको 20 से 25 डिग्री.से. तापक्रम पर काट लेते है इसके लिए भारी या दोहा मिटटी ठीक है। इसको 60 सेंटीमी0 दूरी पर मेडो पर बोया जाता है इसको फरवरी से मई तक बो सकते है तथा वर्षा वाले स्थानो पर जून जुलाई अगस्त में बो सकते है यह बीज से नही उगते है इसकी 30 संेटीमी0 डंडी लगाई जाती है। इसमे प्रति एकड़ 70 किलो यूरिया एवम 240 किलो एसएसपी दिया जाता है। गर्मी में इसकी सिंचाई मिटटी के प्रकार पर निर्भर करती है इसको पहली बार 50 दिन पर काटते है तथा दूसरी बार 15 से 20 दिन में अवश्य काट लेना चाहिए यह 1100 सौ कुन्टल चारा प्रति एकड़ देती है। इसमें खरपात के नियन्त्रण के लिए जडे में जब यह बढना बन्द हो जाता है तो तब इसके बीच मे बरसीम को बोना चाहिए।

ज्वार

ज्वार की फसल चित्र 3.3

यह तीसरी परम आवश्यक चारे की फसल है यह 20 से 30 डिग्री पर आसानी से उग जाती है तथा यह कम वर्षा वाले प्रदेशो में 40 सेंटीमी0 वर्षा प्रति वर्ष में आसानी से उगाई जा सकती है। यह 30 डिग्री पर आसानी से तथा रेतीली भूमि में अच्छा उगती है जिसका पीएच 6 से 7.5 हो । यह 240 कुन्टल प्रति एकड की पैदावर देती है यह जून में वर्षा होने से पहले बोयी जाती है। इसमे 30 से 35 किलो बीज प्रति एकड़ की आवश्यकता पडती है। इसमें यूरिया 40 किलो एसएसपी 50 किलो म्यूरेट आॅफ पोटास 16 किलो की आवश्यकता होती है। इसमें दाना आने के वक्त पानी देना आवश्यक है।

रिजिका

इसको लुसरन को रिजिका भी कहते है यह सब से अच्छा डेरी का चारा है यह एक बार बो देने पर 3 से 4 साल तक चारा देता है यह 15 से 32 डिग्री पर होता है यानी कि उतरी भारत में यह सितम्बर से अप्रैल तक काटान देता है यह लगभग 30 डिग्री सेटीग्रेट पर सितम्बर से मार्च तक काफी चारा देता है परन्तु उसके बाद इसका प्रभाव कम हो जाती है यह लोमी मिटटी में होता है तथा यह पानी के रूकाव को नही सह सकता। इसमे 8 किलो बीज एक एकड के लिए काफी होता है इसमें 22 किलो युरिया तथा 20 किलो एसएसपी डाला जाता है पानी एक महिने में एक बार पानी दिया जाता है इसकी फसल 75 दिनों में तैयार हो जाती है तथा फिर इसको हर महीने काट सकते है।


रिजिका की फसल चित्र 3.4

ग्वार

ग्वार की खास बात यह है कि यह कम पानी में भी हो जाती है 30 डिग्री पर अच्छी उपज देती है यह सब प्रकार की जमीन में हो जाती है। ग्वार 80 इसकी सबसे अच्छी वैरायटी है। इसका बोने का समय जुलाई अगस्त है इसके बोने के लिए 8 से 10 किलोग्राम बीज प्रति एकड होना चाहिए इसमें 20 किलो यूरिया 120 एसएसपी की आवश्यकता होती है इसे पानी देने की भी ज्यादा जरूरत नही होती है यह वर्षा के पानी से ही हो जाती है।

ग्वार की फसल चित्र 3.5