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हाथ से या मशीन द्वारा दुग्ध निकालने में अंतर

UK Atheya / Management /

Difference between milking by hand or by machine: हाथ से दूध निकालने में जो दूध थन में आ जाता हैं उसे पीछे जाने से तर्जनी और अंगूठे के बीच में दबाकर रोका जाता है उसके पश्चात बीच की उंगली और अनामिका और छोटी उंगली को दबाया जाता हैै। बहुत से लोग तर्जनी और मुडें हुए अंगुठे के बीच में थन को दबाकर दूध को थन में पीछे जाने से रोकते है और थन को खींचकर थन में आये हुए दूध को बाहर निकालते है। 

इसके विपरीत मशीन से दूध निकालने में टीट कप में रबर लगी रहती है जो कि वैक्यूम द्वारा एक निश्चित अंतराल पर सिकुडती तथा फैलती है। जब यह सिकुडती है उस समय थन की नसों में बहने वाला खून ज्यादा हो जाता है जिससे थन की दीवारे दबती है और दूध बाहर निकता है जैसा कि चित्र b में दूध को पीले रंग से गिरते हुए दिखाया गया है।

दूसरी अवस्था में रबर और कप के बीच में वैक्यूम खत्म हो जाता है जिससे कि फिर थन में दूध आ जाने पर पिफर वैक्यूम बनता है। जैसा कि चित्र b में दिखाया गया है। इसमें दूध थन के छेद से निकलकर बाहर आ जाता है। वैक्यूम बनने की वजह से थनों की नस में इतना अधिक रक्त का संचार होता है कि दूध का वापस जाना असंभव हो जाता है।

इस प्रक्रिया में वैक्यूम पम्प और पल्सेटर के बीच में समनव्य बैठाकर ही आप ठीक प्रकार की मशीन बना सकते है। इसमें महारथ कम्प्यूटर द्वारा समन्व्य को प्रत्येक मशीन में बिठानेे के लिए कम्प्यूटर की साहयता ली जाती है। यहां यह बताना आवश्यक है कि गाय की मशीन भैंस में नहीं लगती है क्योंकि भैंस प्रथम बार दूध उतारने में अधिक समय लगाती है।

यहा पर यह बताना भी तर्क संगत होगा कि यदि बिजली का वोल्टेज कम या अधिक होती है। तो दूध की मशीन चलाने में बाधा आती है। इसलिए ऐसी परिस्थियों में जनरेटर का प्रयोग अधिक सार्थक होता है।
यदि पशु 10 लीटर से कम दूध देते है और दूध में चिकनाई की मात्रा कम होती है तो ऐसी आवस्था में दूध निकालने की मशीन अधिक कारगर नही है।

लेखक अपने अनुभव से यह बता सकता है कि ऐसी अवस्था में वैक्यूम पम्प का प्रेशर बढाकर आप समस्या से बच सकते है। यह आपको अपने अनुभव से ज्ञात हो जायेगा।
आजकल डेयरी उद्योग में मिल्किंग मशीन का होना अति आवश्यक है। एक ग्वाला 10 पशुओं का दूध निकालने में कापफी समय लगाएगा जबकि गाय 15 लीटर ;एक समय में 7 से 8 लीटर दूधद्ध देती है तो यह संभव नहीं है।

यदि गाय 15 से 20 लीटर दूध प्रतिदिन देती है तो और अगर आप उससे 3 समय दूध निकालते है तो वह अपने दूध उत्पादन में 1 से 15 प्रतिशत की वृद्धि कर देती है। इसलिए यह आवश्यक है कि डेयरी खोलने से पूर्व आप जनरेटर एवं मिल्किंग मशीन की व्यवस्था कर लें।

एक मिल्किंग मशीन में एक से लेकर 8 बाल्टियां लग सकती है जो कि 8 पशुओं का दूध 10 मिनट में निकाल देती है लेकिन अधिकत्तर डेयरियों में एक समय में 2 ही बाल्टियों का प्रयोग होता है अर्थात 10 पशुओं में 5 बार 2-2 बाल्टी लगाएंगे। और इस प्रकार से 45 मिनट में 10 पशुओं का दूध कोई भी एक आदमी निकाल सकता है।